At the top of the sidebar you will notice
"Friends and well wishers".
I invite all my acquaintance
to visit my blog and encourage me.
Thanks.....Roopa
Thursday, December 31, 2009
Traversing the maze of life
Wednesday, December 30, 2009
हर इन्सान को कहने को बहुत कुछ रहता है . मुझे भी है . कभी कभी थोड़ा बहुत कहूँगी अपने ब्लॉग में .
जब बहुत कुछ कहने को होता है तब बड़ी परेशानी होती है .कहाँ से शुरू किया जाये ? ये अहम् सवाल सामने आता है . मेरे सामने भी ये सवाल मुँह बाए खड़ा है .
ज़िन्दगी लम्बी निकल चुकी है.पर जब सोचने बैठो तो क्यों कल की घटना ज्यादा याद आती है ? आज भूला लगता है . क्यों कभी कभी भूत और वर्त्तमान अपने स्थान बदल लेते हैं ?
ज़िन्दगी ऐसी ही अनेको पहेलियों से भरी हुई है . हम जैसे इन पहेलियों के भूल भुल्लैये में ही भटकते रह जाते है. खुशकिस्मत होते हैं वो, जो इस भूल भुल्लैये में भी सरल रास्ते खोज लेते हैं .
सीख लेंगे हम भी . सीखने की तो कोई उम्र नहीं होती . मैंने पहले लिखा था "ज़िन्दगी लम्बी निकल चुकी है "
तो क्या हुआ , बाकी भी तो है . फिर मिलेंगे यहीं ......रूपा
हर इन्सान को कहने को बहुत कुछ रहता है . मुझे भी है . कभी कभी थोड़ा बहुत कहूँगी अपने ब्लॉग में .
जब बहुत कुछ कहने को होता है तब बड़ी परेशानी होती है .कहाँ से शुरू किया जाये ? ये अहम् सवाल सामने आता है . मेरे सामने भी ये सवाल मुँह बाए खड़ा है .
ज़िन्दगी लम्बी निकल चुकी है.पर जब सोचने बैठो तो क्यों कल की घटना ज्यादा याद आती है ? आज भूला लगता है . क्यों कभी कभी भूत और वर्त्तमान अपने स्थान बदल लेते हैं ?
ज़िन्दगी ऐसी ही अनेको पहेलियों से भरी हुई है . हम जैसे इन पहेलियों के भूल भुल्लैये में ही भटकते रह जाते है. खुशकिस्मत होते हैं वो, जो इस भूल भुल्लैये में भी सरल रास्ते खोज लेते हैं .
सीख लेंगे हम भी . सीखने की तो कोई उम्र नहीं होती . मैंने पहले लिखा था "ज़िन्दगी लम्बी निकल चुकी है "
तो क्या हुआ , बाकी भी तो है . फिर मिलेंगे यहीं ......रूपा
Subscribe to:
Posts (Atom)